Tuesday, February 10, 2015

पहले आप, पहले आप

दिल्ली तो दिलवालों की नगरी कही जाती रही है और १० फ़रवरी को दिल का आलम ये था मानो, पूरा लखनवी अंदाज में दिल्ली वाले रंग गए हैं - "पहले आप, पहले आप".....!!!

आज तो हद तब हो गयी जब राजनीति से दूर भागने वाले भी भारत पाकिस्तान के स्कोर की तरह - समाचार और इंटरनेट पे रुझान ले रहे थे। इतना तो प्री बोर्ड वाले नहीं घबराए होंगे जितना आज की राजनीति से नेताओ और अभिनेताओं ने सबक ले ली होगी। 

हमने तो बचपन से सुना है - जो होता है अच्छे के लिए पर आज जो हुआ - वो आप के लिए हुआ।  
परिवर्तन ही प्रकति का नियम है।  आज आप और हम कुछ भी सोचे, क्या सही या क्या गलत - पर इंसान को अपना अस्तित्व कभी खोना नहीं चाहिए। इंसान को उसका एहम ही मारता  है और चाहे कोई भी इंसान अपने को कितना भी ऊचा उठा ले, अपने परछाई से भाग नहीं सकता। आज का युवा बातो या जज्बातों को  नहीं - परिवर्तन को चाहता है।   

"या खुदा दोस्तों से बचा , दुश्मनो से तो मैं खुद निपट लूंगा" !!!

स्वस्थ रहे , खुद में मस्त रहे..... 
अच्छे दिन हम खुद ले आएंगे, सारे जन्हा से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा। 
- अंकुर शरण