Sunday, May 26, 2013

अपनों की मुस्कान

अपनों की मुस्कान कितनी एहमियत रखती है, ये मैंने अपने भाई से जाना है। 

हर वक़्त ना हार मानने वाला और उतना ही कुदरत की चोट खाता   यह इंसान अपने आप में एक मिसाल है। जीवन और मौत के बीच में उन् सासों को सुना था और मानो बस एक विश्वास ही था की कैसे अपने भाई को मौत के मुह से खीच लाउ. 

जनवरी २० १ ३ में उस घटना ने जीवन का रुख ही मोड़ दिया हो मानो। ब्रेन हैमरेज और केवल कुछ मिनट की देरी से मैं उसे खो देता, सोच कर ही रूह काप जाती है। 

मासूम और सबका चहेता, एक बार फिर मौत को झासा दे कर अपनों के बीच है और अपने बुलंद हौसलों से जल्दी ही अपने दानिक जीवन में लौट आएगा। मेरे लिए कोई हीरो नहीं , जो है वो मेरा भाई ही है। जब भी जीवन की प्रेरणा लेनी होती है तो बस उस के साथ बिताये अनुभवों को याद कर लेता हु, उसके पास बैठ के उस्की  हँसी में मुस्कुरा लेता हु। 

जब सुनता हु लोगो के बीच, आपसी पारिवारिक कटुता तो मन खिन्न हो जाता है। रिश्तो की एहमियत ना जाने वाले ये मूर्ख , कभी किसी का भला नहीं कर सकते।  जो भाई भाई के दुश्मन हो जाते है, उन्हें तो जीवन का ज्ञान ही  नहीं मिल पाया। 

इंसान की सबसे बड़ी ताकत उसकी सोच और हौसला ही होता है, जो गिर के फिर खड़ा हो उसे ही सच्चे माएनो में सफल इंसान कहते है। पर आज के इस कलयुग में इंसान की क़द्र करने वाला है ही कौन, जिसे देखो वही एक दुसरे पर ताने कस रहा है। क्या भला हो सकता है कभी ऐसे लोगो का ?

हमे सफलता प्राप्त करनी है तो दुसरो को हौसला देने का प्रयास करे, ना की उन्हें गिराने का और पीठ पीछे बुराई करने का। प्रभु ने जो इंसानी जीवन दिया है, उसे व्यर्थ ना गवाए। किसी का कुछ नहीं पता, कल कौन अपना आप से दूर हो जाये और आप सिर्फ पश्चताप के आंसू रोये. 

जीवन में मिठास बनाये रखने के लिए, मात्र एक ही उपाए है - खुद को हर हाल में स्वस्थ रखे, तभी हम अपने लिए और दुसरो के लिए जी सकेंगे। कुछ लम्हे बहुत दिल के करीब होते है, यह तस्वीर भी ऐसे ही मेरे दिल के बेहद करीब है। यह तस्वीर हमारे जीवन में घटी उस  घटना के  कुछ  दिनों पूर्व की ही है, कभी सोचा भी नहीं था - की यह  मुस्कान देखने के लिए आंके तरस जायेंगी। 

पर विश्वास है, की इस तस्वीर की अगली कड़ी - फिर से मुस्कान ले कर अपनों के बीच लौट आएगी।

Sunday, May 12, 2013

माँ - स्नेह का पहला नाम


प्यार और स्नेह का पहला नाम माँ ही हो सकता है। माँ की सबसे खास बात उसका अपने बच्चो के प्रति लगाव होता है, चाहे वो आप की माँ हो या मेरी। सृष्ठी में कुछ चीज़े अटल है, सूरज का रोज हमारे जीवन में प्रकाश लाना, चाहे चन्द्रमा के प्रकाश से रात्रि को खुशनुमा बनाना और इन्ही पहरों के बीच माँ का उठाना और सुलाना। कितना अनोखा एहसास है ना !

हमारी मुस्कान से माँ खुश हो जाती है तो कभी क्रोध से दुखी। कभी प्यार से अपने गले लगा लेती तो कभी गुस्से में आँखे दिखा देति। क्या करे माँ जो है, अपने बच्चो को हर हाल में खुश और सुखी जो देखना चाहती है। माँ का बच्चो से ऐसा गहरा रिश्ता होता है की आपने भी महसूस किया होगा की बिना बाताये वो हर चीज़ समझ जाती हैं। जादू तो नहीं, यही अटूट स्नेह है।

अच्छा लगता है, माँ के लिए भी कोई खास दिन बनाया गया -आज के जीवन का यही दस्तूर भी है और सच्चाई भी। हर खास दिन को खास तरह से अपने जीवन को खुशनुमा बनाते रहना चाहिए। वो हर प्रयास करना चाहिए जिससे आप किसी को २ पल की खुशियाँ दे सके, क्या और कैसे वो तो हम दिल से करे उसी में माँ खुश है।

मेरी ये व्यक्तिगत राय है, एक परिवार को माँ से बेहतर कोई नहीं समझ सकता। माँ से ही हमे रिश्ते नातों की समझ आती है और एहसास उन् रिश्तो को अपने दिलो दिमाग में जीने का।
एक एक कड़ियों की तरह हमारा जीवन हर दिन जुड़ता जाता है, इस जोड़ को मजबूती हमारी माँ ही देती है। वो हमारा ख्याल तो रखती ही है और साथ में उन् विपरीत स्थितयों में हमारा मार्ग प्रशस्थ करती है जिससे हमे मंजिल मिलती है। हम खुश होते है और अपने आप को शाबाशी देते है या दोस्तों के साथ मौज मस्ती में रम जाते है। माँ उसमे भी खुश है।
हमारे हर एक उपलब्धि में माँ बाप का हाथ और भरोसा होता है। वही भरोसा जब हब हम चलना सीखते है ओर गिरते है, रोने पर माँ को दर्द होता है तो पिता को बल मिलता है और प्रयास करने का जिस्से बच्चा अपने दोनों पाँव में खड़ा हो जाये। माँ खुद खिलाती है तो पिता बच्चे को स्वालंबी बनाता  है, जिससे वो खुद से मजबूत और स्वयं से हर कार्य करे।

माँ बाप बच्चो में ही अपना जीवन होम करते है और उनकी खुशियों में ही अपनी छोटी छोटी खुशिया तलाश के खुश हो जाते है।

जीवन का चक्र ही यही है, जो चलता रहेगा। माँ बाप अपने बच्चों की परवरिश करने में जरा सा संकोच नहीं होता और आज के नौजवान पीढ़ी को भी नहीं होना चाहिए। हर हाल में जितनी खुद को खुशियों की जरुरत है , उससे कंही ज्यादा अपने माँ-बाप को खुशियाँ देने से निसंकोच आगे से आगे अग्रसर होते रहना चाहिए।

जीवन में छोटी छोटी खुशियों को समेट के ही हम खुशनुमा माहोल बना सकते है, जीवन का नजरिया बदलने से कई राहे अपने आप दिख जायेंगी। बस कोशिश निरंतर करते रहने की जरुरत है। माँ को शत शत नमन और स्नेह - की आज हम जो भी है , वो उनके बलबूते के कारण हैं,  हम अपने माँ बाप का ऋण कभी उतार ही नहीं सकते।

माँ के इस खास दिवस में , आप सभी को दिल से बधाई। स्वस्थ जीवन और खुश रहने किए प्रेरणा का एक मात्र स्रोत्र हमेशा हम पर आशीर्वाद बरसाती रहे, इन्ही शुभकामनाओ के साथ अपने गलियारे में यह खास दिन धूम धाम से हर पल मानते रहे।

माँ की खुशियों से हमारी विजय पक्की है, प्रबल

विश्वास के साथ माँ-बाप की खुशिया सर्वोपरि रखते हुए , मन से वो हर कार्य करते रहना है जिससे हम स्वस्थ रहे और खुश भी। हम खुश है तो परिवार खुश, हम से जुड़े सारे रिश्ते नाते खुश, समाज खुश तो प्रेम स्वयं हमारे जीवन को महकाएगा।

माँ से ही अखंड भारत का सपना सच हो जाएगा।।

- अंकुर शरण