Sunday, March 31, 2013

दिलों में घोंसले


पेड़ो पर बहुत घोंसले देख लिए अब हर एक के दिल में घोसला बनाना है।
बचपन में गौरैया को अपने घर के आसपास घोसलों में देखता तो भी गलियारे में खड़ा हो कर  झुंड को उड़ते  हुए देखता और तोते को टाये टाये करते सुनता। लगता है बचपन के साथ इन् का भी दौर गुज़र गया। आज हम इतने व्यस्त हो हुके है  की अपने नन्हे परिंदों पर कभी ध्यान ही नहीं दिया। आज ये विलुप्त होने के कगार पे है।


अपने प्रकर्ति के लिए कुछ आभार व्यक्त करे और इन् नन्हे दोस्तों की मदद करे। हमारा एक छोटा सा प्रयास इन्हें   जीवन प्रदान कर सकता है। एक नन्हा सा घर या बाग़ में इनके लिए जगह और दाना  पानी रखे, शायद  इतना तो हम कर ही सकते है।

मैंने तो शुरुआत कर दी है, अब आप भी करें। दिल को सुकून मिलेगा और इन्हें सहारा।
आज मेरे घर जब गौरैया आती है तो मानो बचपन की मुस्कान लौट आयी।

जरुरी नहीं खुशियाँ पाने के लिए हम उन्हें घर पे खरीद के रखले, कुछ खुशियाँ तितलियों के समान होती है, बस उन्हें निहारते  रहे - ये आपके मन को छुलेंगी और  दिल में घोसला बना जाएँगी।


हमारे नन्हे दोस्तों की मदद के लिए कुछ संस्थाए आगे आयी हैं -ये हमारा काम और आसान कर रही है।


-अंकुर शरण

Wednesday, March 20, 2013

विचारों के बीज



आप जिन चीज़ों   को सबसे ज्यादा बार सोचते है या विचार रखते है, वो एक न एक दिन आप के पास होती है। कुछ उसी अवस्था में और हो सकता है उससे कंही ज्यादा। इन् पंक्तियों को पढ़ा था और इन्हें होता देख यकीं हो गया।

मुझे पेड़ पौधे से बड़ा लगाव है, शायद मेरे नाम का असर भी हो सकता है। बचपन में ननिहाल जाता तो पूरी छत रंग बिरंगे  फूलों  से सजी रहती। अक्सर गर्मी की छुट्टियों में जाना होता था, दिल उन् बाग़ के  फूलो को देख कर  खुश हो जाया करता और आज  भी मैं  गलियारे में उन् रंगों को समेट रखा हूँ ।

किसी काम को करना  है तो   लगन बहुत जरुरी है। जब कुछ चाहत मन में  होती  है  तो  अपने  आप  राहे  मिल  ही जाती है। हमारे निवास से कुछ दूर एक घर के बारे में सुना था, उनका बाग़ बहुत खूबसूरत है, बस मन के आगे किसका बस चला - चल दिए। बेहद खूबसूरती के साथ बाग़ को सज़ा रखा था।

मन  में इक्षा हुई की मैं उन् ज़नाब से मिलु, पर वो तब घर पे मौजूद ना थे। खैर कुछ तस्वीरे खिंची और घर चल दिए। अपने गमलो को देखता तो कभी क्यारियों को। समय के साथ उन्हें भी सवारने लगा। एक सुखद आनंद मिलता है जब आप हरे भरे पौधों को निहारते हो, वाकई में जान भर देते है ये नन्हे दोस्त मेरे।

फिर क्या था, एक और सपना अंकुरित हुआ और एक साल बाद मुझे एक बाग़ प्रदर्शनी के दौरान सम्मानित किया गया। जिन ज़नाब से मैं पहले नहीं मिल पाया, उन्हें प्रथम स्थान मिलते हुए देखा और मैंने उन्हें बधाई देते हुए धन्यवाद दिया। मेरे इस खास दिन का श्रेय, निसंदेह  उन्हें भी  जाता है।


अखबार में नाम प्रकाशित हुआ, एक सुन्दर  सी ट्रोफी मिली जिसे देख कर  परिवार जनों और मित्र बंधुओं को ख़ुशी मिली और मुझे एक सुकून क्योंकि अब कई और  सपने भी तो साकार करने है।

गलियारे में एक सीख भी मिली। हमे  हर उस  कार्य  में  सफलता  जरुर  मिलेगी - जिसे  हम  सच्चे मन  एवँ  सूझ - बूझ  के साथ  करते है।  मेहनत ज़रूरी है पर सही दिशा में। एक  विश्वास के साथ और  एक नए सपने को जीवंत करने के उमंग  के साथ। जीवन में  खुशियाँ  इन्ही    तरह  बटोरी  जा सकती हैं ,  खुशियाँ कंही  भी  कभी  भी  आपके  गलियारे  में आ सकती हैं, बस आशाओं के दरवाजे खोले रखे।

मेरी फुलवारी की सैर से आपको भी कुछ एहसास जरुर होगा, विचारों के बीज बस  अपने  मन  के  बाग़ में संजोते जाए -जीवन में हरियाली बनी रहेगी  ।

-अंकुर शरण

Tuesday, March 19, 2013

जीवन और स्वास्थ्य


आज के युग में अगर हम स्वस्थ है तो इससे बढ कर कोई ख़ुशी नहीं हो सकती। हमारी खुशियाँ हमारे ही हाथ होती है। अगर आप स्वस्थ है  तभी अपने घर परिवार को भी एक सुखद माहोल प्रदान कर सकेंगे। ये विश्वास करना होगा की हम जो कुछ करे उसका फायेदा हमे हो न हो  पर नुक्सान किसी को  न हो, तभी हम एक स्वस्थ समाज का निर्माण भी कर सकते है।

अब स्वास्थ्य  के लिए  चिंता करने की भी कोई जरुरत नहीं। चिंता से कभी परेशानिया दूर  नहीं  होती बल्कि हमारे दिमाग को और भी कुंठित कर देती है। सकारात्मक दृष्टिकोण रखे, आपको बल मिलेगा विपरीत परिस्थियों से निपटने का और दुसरो को समझाने का । कुछ चीजे  आप  परिस्थितियों  के  कारण  सीख जाते है। 

एक घटना जिसने हाल में मेरा जीवन  के प्रति  दृष्टिकोण बदल  दिया। मेरा छोटा भाई - जिसे ब्रेन हेमरेज हुआ और वक़्त रहते सही उपचार से उसकी  जान भी बच गयी और साथ ही आज वो जीवन को नए सिरे से शुरू कर रहा है। आसान तो नहीं होता पर इतना कठिन भी नहीं  अगर मन में बुलंद हौसले और स्वयं में विश्वास हो। अपोलो के महंगे उपचार और हर दिन के उतार चढाव ने जीवन को बेहद  कठिन बना  दिया  था, पर विश्वास और अपनों के साथ ने इस बेहद मुश्किल दौर को भी काट दिया।

सिर्फ एक काम - खुद को स्वस्थ रखने की हर मुमकिन  कोशिश करनी है और जीवन  में आने  वाली चुनौतियों का डट कर मुकाबला करना है । दुसरो से ज्यादा , खुद पर भरोसा करना है - स्वास्थ्य  को ठीक रखने के लिए किसी और की नहीं, आप के ख़ुद के प्रयास की ज़रूरत  है। अनुशाशन से हर कार्य संभव है। खुद के लिए समय निकाले, अच्छे विचारो को निरंतर पढ़ते रहे। स्वयं में इतनी जागरूकता आजायेगी की अपने आप, हर नामुमकिन कार्य संभव हो जाएगा और वैसे ही हमारा जीवन के प्रति नज़रिया।