आदरणीय नाना जी,
आज आपकी बहुत याद आ रही है, आज आपकी फोटो देखा। अपने रूम में रखी, आपका मुस्कुराता चेहरा फ़िर से आँखों के सामने आगया। बहुत दिनों बाद आंसू आगये और गला भर आया। शायद ख़ुद को एकांत की आदत नही है.
कितने साल गुजर गए, पर वो लम्हा आज भी मुझे याद है। बहुत सी बातें होती है जो करना चाहता तो हु पर किस्से कहू। मैं बहुत दुखी हु ख़ुद अपने आप से की मैं इतना लोगो के बारे में क्यूँ सोचता हु। मैं जो कुछ सोचता हु उनमे कंही अपनापन होता है। पर सब यंहा दिखावा है। आप आज इतने दूर हैं पर आज भी बहुत करीब है। आज मैं नौकरी कर रहा हु, दो हफ्तों से लगातार काम ही काम। आज जा के चार दिनों की छुट्टी मिली है। काफ़ी दिनों के बाद कुछ लिखने को दिल किया बस लिखा जा रहा हु दिल का हाल।
अम्मा भी अब बूढी हो रही है, कमजोर भी हो गयी है। कभी भी उनसे आप की बातो का जीकर नही करता हु, वो भी तो एकदम अकेली है। आज भी मन् करता है की सब से मिलू मगर मुमकिन नही है। पंद्रह साल हो गए, और ना जाने कितने साल बीतेंगे पर आप की कमी हमेशा से ही रहेगी।
माँ, मौसी सब अपने जीवन में मस्त है, सब का अपना परिवार हो गया है और सब उसी में सिमित हो गए है। महीने में एक दो बार बात हो ही जाती है। अब तो मेरा किसी से भी मिलने का मन् नही करता है। मैं सिर्फ़ जीना नही चाहता हु, सिर्फ़ अपना समय नही काटना नही चाहता हु। मेरे जीवन का आधा पल तो बीत गया पर मैं यु ही नही जीवन जी सकता। मैं क्या रहा हु और क्या कर सकता हु....ये सवाल आज भी रहते है।
आपकी दिअरी देखा, कुछ चीजे भी लाया हु। मैं आपके जैसा बन तो नही सकता पर उन् खूबियों को जरुर शामिल करने की लगातार कोशिश करता रहता हु जिससे आप का नाम गौरवान्वित होए। इतना कमजोर भी नही की आंसू से लोगो को अपनी संवेदनाओं को उजागर करू, मुझे अपने आनुनसू की कीमत का अंदाजा है।
मुझसे सब प्यार करते है, पर सब का जीवन अपने आप में एक पहेली है। किसी की कुछ नही पता कौन क्या कर रहा है, रिश्ता है तो बस फ़र्ज़ निभा रहे है। एक समय था मैं सब को चिठ्ठी लिखता परउसका आज कोई मोल नही। मैं अपने हाथो से Greeting बनाता, पर वो एक बचपना ही था।
मैं अपनी जिंदगी को एक किताब की तरह रखना चाहता हु, जब कभी मुझे ख़ुद से मिलना हो तो उस दिन, उस तारीख को मैं ख़ुद से मिल सकू। जीवन यादो का नाम है या फ़िर उन् हौसलों का जिनके सहारे हम सब चल रहे है। एक जिंदगी आप की देखी और एक मौत। दोनों ने ही मेरे दिल को छुआ है, और इतना कुछ सिखा दिया की जिन्दगी में कमजोर नही पडूंगा और कभी ऐसा लगा तो, फ़िर से आपको अपने गलियारे में लेता आऊंगा।
आशीर्वाद आपका हमेशा साथ है,
आपका बेटा,
अंकुर