Friday, September 23, 2011

न वो वक़्त रहा, ना ये वक़्त रहेगा


जिंदगी दबी पाँव हमारे संग चलती जाती है, परिवर्तन होते जा रहे है ओर हम रोज भाग दौड़ की दिनचर्या में ही लगे रह जाते है। ये आज हर घर की कहानी हो गयी है, रोज भागो ओर शाम को थके मानदे आकर सो जाओ।



आखिर कब तक, जानवरों सा जीवन हम जीना है। ये हमारी कमजोरी है या हमारा नजरिया, जो हम रोज रोज एक ही तरह की दिनचर्या को देख के उन्हें अपने जिंदगी के साथ संजो लेते है। बस उसे ही अपने जीवन का पहलु मान लेते है। हम अपनी सोच के गुलाम हो कर, कुए के मेंढक की तरह जीवन गुजार देते है.

आज मैं बहुत कम चेहरे देखता हू, जो दिल से खुश दिखते है। किसी न किसी को कोई परेशानी सता रही है। सब चाहते तो है की वो खुश रहे पर कोई कुछ मेहनत नहीं करना चाहता। मैं मानता हू, सवाल पूछना जितना आसान होता है उतना शायद जवाब देना नहीं हो। मगर फिर भी हम यू ही जिन्दगी को तो नहीं जाने दे सकते।

आज इंसान सब चीज को बस में कर लेना चाहता है, दौलत, शोहरत। इतिहास से ही वर्तमान का जनम हुआ ओर भविष्य भी ऐसा ही होता आएगा जब तक हम अपनी मन् की धारणा को नहीं बदलेंगे।
हमे आज किसी और की नहीं बल्कि अपने आप की जरुरत है। खुद को देखो ओर खुद के करीब जाने की सोचो....उतना आसन नहीं होगा। हमने अपनी जिन्दगी सिर्फ ४ दिवारी के अन्दर सिमित जो कर ली है। हम वो कर रहे है, जो हो रहा है, वो तो सोच नहीं पाते जो हम भी कर सकते है।



३ घंटे सिनेमा देखना आसान है पर ३ मिनट भी हम खुद के लिए नहीं निकल पाते। जन्हा हम खुद से सवाल जवाब कर सके। खुद से पूछे - की क्या ये जो चल रहा है वो सही है? क्या हम इससे भी अच्छा कर सकते है? जरुर कर सकते है बस खुद पर विश्वास करने की देर है।

हमे ये समझना होगा की ये दिन जो है वो कल नहीं आने वाले। जैसे बचपन नहीं लौट सकता। अपने आज को हस के जीना है। विश्वास के साथ की जो होता है अछे के लिए होता है ओर यदि कुछ अच्छा नहीं हो रहा तो विश्वास रखना चाहिए की इस्श्वर ने जरुर हमारे लिए सोच रखा होगा।

एक सकारात्मक सोच ही क्रांति लाती है। कुछ नया करने की चाहत ही हमे दुसरो से अलग राह पर ले जाती है। हर इंसान की एक अपनी शख्सियत है। कभी खुद को निचा नहीं समझना है , भगवान् सब देखता है। जिसने वक़्त की नजाकत को भाप लिया वही एक सफल जीने की कला सीख पायेगा।

आज मैं भी जब महान हस्तियों की जीवनिया पढता हू, उनके लेख से ना जाने एक क्रांति सी आजाती है। बस अपने जीवन का अर्थ समझना चाहता हू। या ये कहू की जीवन एक राह है , अपना अस्तित्व पाने का।



अपने वक़्त को साथ रख कर वो हर काम करना है , जीसी हम करना चाहते है। किसी ने सच ही कहा है, न वो दिन रहे ओर ना ये दिन रहेंगे...!

No comments: