अपनों की मुस्कान
आप सब का मेरे गलियारे में पुनः स्वागत है , हिंदी मात्र एक भाषा नहीं, हमारी मातृ भाषा है I
ठीक उसी तरह, योग मात्र व्यायाम नहीं, जीवन जीने का एक सकारात्मक तरीका है I
जनवरी २० १ ३ में उस घटना ने जीवन का रुख ही मोड़ दिया हो मानो। ब्रेन हैमरेज और केवल कुछ मिनट की देरी से मैं उसे खो देता, सोच कर ही रूह काप जाती है।
अपनों की मुस्कान कितनी एहमियत रखती है, ये मैंने अपने भाई से जाना है।
हर वक़्त ना हार मानने वाला और उतना ही कुदरत की चोट खाता यह इंसान अपने आप में एक मिसाल है। जीवन और मौत के बीच में उन् सासों को सुना था और मानो बस एक विश्वास ही था की कैसे अपने भाई को मौत के मुह से खीच लाउ.
मासूम और सबका चहेता, एक बार फिर मौत को झासा दे कर अपनों के बीच है और अपने बुलंद हौसलों से जल्दी ही अपने दैनिक जीवन में लौट आएगा। मेरे लिए कोई हीरो नहीं , जो है वो मेरा भाई ही है। जब भी जीवन की प्रेरणा लेनी होती है तो बस उस के साथ बिताये अनुभवों को याद कर लेता हु, उसके पास बैठ के उस्की हँसी में मुस्कुरा लेता हु।
जब सुनता हु लोगो के बीच, आपसी पारिवारिक कटुता तो मन खिन्न हो जाता है। रिश्तो की एहमियत ना जाने वाले ये मूर्ख , कभी किसी का भला नहीं कर सकते। जो भाई भाई के दुश्मन हो जाते है, उन्हें तो जीवन का ज्ञान ही नहीं मिल पाया।
इंसान की सबसे बड़ी ताकत उसकी सोच और हौसला ही होता है, जो गिर के फिर खड़ा हो उसे ही सच्चे माएनो में सफल इंसान कहते है। पर आज के इस कलयुग में इंसान की क़द्र करने वाला है ही कौन, जिसे देखो वही एक दुसरे पर ताने कस रहा है। क्या भला हो सकता है कभी ऐसे लोगो का ?
हमे सफलता प्राप्त करनी है तो दुसरो को हौसला देने का प्रयास करे, ना की उन्हें गिराने का और पीठ पीछे बुराई करने का। प्रभु ने जो इंसानी जीवन दिया है, उसे व्यर्थ ना गवाए। किसी का कुछ नहीं पता, कल कौन अपना आप से दूर हो जाये और आप सिर्फ पश्चताप के आंसू रोये.
जीवन में मिठास बनाये रखने के लिए, मात्र एक ही उपाए है - खुद को हर हाल में स्वस्थ रखे, स्वस्थ रहने के लिए बहुत जरुरी है की स्वयं का ख्याल सबसे पहले करे, यदि आप स्वस्थ है तभी तो आप अपनों की और दुसरो की मदद कर सकेंगे I निरस्त जीवन का दामन छोड़ कर, वह कार्य करे जिससे आपको ख़ुशी एवं संतुष्टि मिले I तभी हम अपने लिए और दुसरो के लिए जी सकेंगे।
कुछ लम्हे दिल के बहुत करीब होते है, यह तस्वीर भी ऐसे ही मेरे दिल के बेहद करीब है। यह तस्वीर हमारे जीवन में घटी उस घटना के कुछ दिनों पूर्व की ही है, कभी सोचा भी नहीं था - की यह मुस्कान देखने के लिए आँखे तरस जायेंगी। पर विश्वास है, की इस तस्वीर की अगली कड़ी - फिर से मुस्कान ले कर अपनों के बीच लौट आएगी।
हम लाख उपलब्धियाँ हासिल कर ले, यदि हमारे घर परिवार में कोई अस्वस्थ है तो यकीं माने एक कसक जरूर होती है I एक पौधा भी मुरझा जाता है तो कितनी पीड़ा होती है तो समझे अपनों के स्वास्थय के लिए, अपने लिए हम क्या कर रहे है ?
ईश्वर का धन्यवाद दे की हमारे हर अंग कार्यरत है , हमे रोज मर्रा की जिंदगी में अपने शरीर से जूझना नहीं पड़ता I कभी किसी ने इस वरदान को नहीं स्वीकारा, बस और, कुछ और पाने की चाहत में भटके जा रहे है I सब जरुरी है , पर स्वास्थय को दर किनार कर के नहीं I अपने लिए समय जरूर निकाले, कुछ लिखे, कुछ गुनगुनाये, संगीत सिर्फ सुने नहीं - कुछ अपना योगदान भी दे, कुछ ऐसा करे जिसमे आप का कुछ योगदान हो, जिसे आप अपनी रचना कह सके, फिर देखे की रूह को कितनी सुकून मिलेगी I
हर चीज पैसे के लिए नहीं की जाती, किन्तु आज सच है की हर व्यक्ति आप से इस कारन जुड़ा है - की आपसे उसे कितना फायदा है I जब काम खत्म, पैसा हजम - जो आप अपने रस्ते, हम अपने रास्ते I ये तो हम सब के जीवन में होता रहा है और होता भी रहेगा I
पर सहज सोच के साथ, जब आप योग से अपने मन , मस्तिष्क को एक केंद्र में ले आएंगे तो वो होगा, जिसे कभी आप कल्पना भी नहीं कर सकते I मंन की तरंगे कार्यरत होंगी, मंन प्रसन्न रहेगा, सुबह की सूर्य के साथ ऊर्जा आएगी और जिस कार्य में मंन से जुड़ जायेंगे वो देर से सही पर वह आपको सफल बनाएगी I
योग में बहुत शक्ति होती है, सिर्फ सोचने से नहीं - शरीर को स्वस्थ रखने के लिए, योग ही एक मात्र राह है जो सुखद भविष्य के लिए हमेशा से प्रेरित करता रहा है और करता रहेगा I
अंतराष्ट्रीय योग दिवस की आप सब को बधाई..
(२१ जून )
योग एक दिशा देता है - भटकती हुई इन्द्रियों को एक सूत्र में पिरोता है,
एक वेग से आपको अनुशासित होने का गुण सिखाता है I
स्वछ, निर्मल भाव मन में पैदा करता है,
सकारत्मक दृष्टिकोण से ही आप नव निर्माण करते है,
आपसी द्वेष - कलह मिटते है I
निसंदेह, जब मंन चंंगा, तो कसौटी में गंगा !
योग को जीवन में लाये,
स्वस्थ शरीर और मानसिक विकास के साथ,
जन जन में उमंग जगाये..
धन्यवाद,
अंकुर शरण